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उत्तराखंड जल-प्रलय : जब एक मां ने फ़ोन कर बचाई दो दर्जन लोगों की जान, पढ़ें पूरी खबर
उत्तराखंड जल-प्रलय। उत्तराखंड के चमोली में 7 फरवरी, रविवार को ग्लेशियर फटने से आई तबाही में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग लापता हैं।
Bhupendra Singh Chauhan
Published:20-02-2021 11:12:41
राज्य
उत्तराखंड जल-प्रलय। उत्तराखंड के चमोली में 7 फरवरी, रविवार को ग्लेशियर फटने से आई तबाही में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग लापता हैं। हालांकि तबाही के बाद सेना द्वारा रेस्क्यू कर कई लोगों की जान भी बचाई गई, इसके साथ ही अभी भी लापता लोगों की तलाश की जा रही है। इसी बीच एक ऐसी मां की कहानी सामने आई है, जिसके एक फ़ोन काल ने 25 लोगों की जान बचा ली।
बता दें कि, चमोली जनपद के तपोवन स्थित NTPC जल विद्युत परियोजना में काम करने वाले 27 वर्षीय वाहन चालक विपुल कैरेनी ने अपनी मां द्वारा फ़ोन पर कही बात पर ध्यान ही नहीं दिया, जिसमें वह उसे बैराज से दूर जाने के लिए कह रही थी। इसके बावजूद कैरेनी की मां मंगश्री देवी उन्हें तब तक फ़ोन करती रही, जब तक उन्होंने बेटे को धौली गंगा में आ रहे सैलाब के बारे में बताने में सफल नहीं हो गई।
कैरेनी के मुताबिक़, उनका गांव ऊंचाई पर स्थित है। जब धौलीगंगा में अचानक बाढ़ आई, उस समय उनकी मां बाहर कुछ काम कर रही थी, तो उन्होंने आ रहे सैलाब को देख लिया और तुरंत उन्हें फ़ोन करके इसकी जानकारी दी। कैरेनी कहते हैं कि, यदि मेरी मां ने उस समय चेतावनी नहीं दी होती तो मैं और लगभग मेरे दो दर्जन साथी अब तक मौत के आगोश में समा गए होते। और यह कहते हुए वह भावुक हो जाते हैं।
उत्तराखंड की जिस जागरूक माँ ने उत्तराखंड हादसे में अपने बेटे की ही नहीं बल्कि 25 और लोगों की भी जान बचाई उन्हें समाजवादी पार्टी 5 लाख रुपये से सम्मानित करेगी.
उप्र सरकार से सपा की माँग है कि वो इस हादसे में लापता उप्र के निवासियों के परिवारों को 20-20 लाख का मुआवज़ा दे. pic.twitter.com/cZHegSUz3j
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कैरेनी ने बताया कि, मां के बताने के बाद वे दौड़े और एक सुरक्षित स्थान पर पहुंचकर रुके। कैरेनी सात वर्ष की आयु से बैराज में काम कर रहे हैं। अभी दो माह पहले ही उनकी शादी भी हुई है। उन्होंने बताया कि, वह रोज की तरह उस दिन भी काम पर गए हुए थे। इसी बीच 10:35 बजे उनकी मां का फ़ोन आया और तब मां उनसे भागने के लिए कहा, जिसे उन्होंने मजाक समझा।
उन्होंने बताया कि, इस पर मैंने मां से मजाक नहीं करने के लिए कहा। इसके बाद उन्होंने मुझे फिर फ़ोन किया और वहां से भागने की विनती की। उनके मुताबिक उनकी मां और पत्नी अनीता ने पानी को उसकीस ामन्य ऊंचाई से करीब 15 मीटर ऊपर उठते देखा था। वह सबकुछ चपेट में ले रहा था। जिसके बाद हम अपने साथियों के संग सीढ़ियों की तरफ भागे और हमारी जान बच गई।